(Today) रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 2022: जाने क्यों मनाया जाता है Raksha Bandhan

Raksha Bandhan 2022 : रक्षा बंधन बहुत ही पवित्र त्‍योहार है। यह भाई-बहन के बीच मनाया जाता है। इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं भाई भी राखी पहन के बहनो को तोफहा देते हैं। साथ ही बहन की रक्षा का वचन देते हैं। तो आईये जानते हैं कि रक्षा बंधन का त्योहार क्यों मनाया जाता है

Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2022

रक्षा बंधन सावन के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बंधन भाई और बहन रक्षा बंधन को खुशियों और उल्लास के साथ के मनाते हैं। जिसमे बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। रक्षा बंधन दो शब्दों को मिलाकर बनता है, रक्षा और बंधन। जिसका अर्थ है रक्षा करने वाला बंधन। इस त्यौहार को न केवल सगे भाई बहन अपितु कोई भी महिला पुरुष मना सकते हैं। रक्षाबंधन भाई बहन के एक पवित्र रिश्ते को जताता है।

Raksha Bandhan 2022 – Highlights

आर्टिकल रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है
रक्षा बंधन कब मनाया जाता है श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को
रक्षाबंधन तिथि 2022 11 अगस्त
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.06 से 12:57 तक
अमृत काल- शाम 6.55 से रात 8.20 तक
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.29 से 5.17 मिनट तक
 रक्षाबंधन पर शुभ योग आयुष्मान योग- 10 अगस्त को शाम 7.35 से 11 को दोपहर 3.31 तक
रवि योग- 11 अगस्त को सुबह 5.30 से 6.53 तक
शोभन योग- 11 अगस्त को 3.32 से 12 अगस्त को 11.33 तक

Raksha Bandhan 2022 Date – 11 या 12 अगस्त, कब है रक्षाबंधन?

हर साल की तरह इस बार भी लोगों में रक्षाबंधन की तारीख को लेकर काफी शंकाएं हैं। कुछ का कहना है की रक्षा बंधन 11 अगस्त को है, और कुछ लोग 12 अगस्त को बता रहें हैं। तो यदि आप रक्षा बंधन की तारीख, राखी बांधनने के शुभ मुहूर्त व भद्रा का साया से संबंधित सभी जानकरी विस्तार से पाना चाहते हैं, तो आर्टिकल के साथ बने रहें।

रक्षाबंधन की तारीख 2022 => हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल सावन की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होगी और यह अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। तो आपको बता दें की इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को मनाया जायेगा।

  • रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2022 Shubh Muhurt) => इस साल की रक्षाबंधन पर राखी बांधने के तीन शुभ मुहूर्त बन रहें हैं। जो निम्न प्रकार से हैं-
  1. अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.06 से 12।57 तक
  2. अमृत काल- शाम 6.55 से रात 8.20 तक
  3. ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.29 से 5.17 मिनट तक
  • रक्षाबंधन पर शुभ योग (Raksha Bandhan Shubh Yog)=> इस बार रक्षाबंधन पर तीन शुभ योग होंगे। जो इस प्रकार से हैं –
  1. आयुष्मान योग- 10 अगस्त को शाम 7.35 से 11 को दोपहर 3.31 तक
  2. रवि योग- 11 अगस्त को सुबह 5.30 से 6.53 तक
  3. शोभन योग- 11 अगस्त को 3.32 से 12 अगस्त को 11.33 तक
  • रक्षाबंधन पर भद्रा का साया (Raksha Bandhan 2022 Bhadra Ka Saaya) => ज्योतिष आचार्यों के अनुसार इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार भद्रा के साय में मनाया जाएगा।

शाम 5 बजकर 17 मिनट से भद्रा का साया रहेगा और 6.18 तक चलेगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन होने वाली भाद्र वृश्चिकी भद्रा है। इस लिए आप इसके मुख से रक्षाबंधन मना सकते हैं। अर्थात शाम 6:08 बजे से रात 8:00 बजे तक भद्रा मुख में राखी बांधी जा सकती है। यह पूर्ण रूप से रात 8 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगा।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास – History of Raksha Bandhan

जैसा की हम सभी जानते हैं की हम भारतीय लोग अपने सभी त्यौहारों को बड़े ही उल्लाहस के साथ मनाते हैं। इनमे से एक रंक्षा बंधन का त्योहार भी है। सभी भाई बहन के प्यार का प्रतीक माने जाने वाले इस पर्व पर बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लम्बी उम्र व उज्वल भविष्य के लिए भगवान से प्राथना करती है। साथ ही भाई भी अपनी बहन को सभी संकटों से उसकी रक्षा करने का वचन देता है। तो आईये जानते हैं की आखिर क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन और इसका क्या इतिहास है।

जैसे की सभी त्योहारों का अपना एक इतिहास होता है ऐसे ही रक्षा बंधन का भी अपना इतिहास है। जिसमे कई कहानिया सामने आती है। आईये देखते हैं-

  • सम्राट सिकंदर (Alexander) और सम्राट पुरु => यहां हम आपको एक बार की बात बताते है जब Alexander भारतो को जीतने के लिए अपनी सारी सैना लेकर यहां आया तो उसका सामना सम्राट पुरु की सैना के साथ हुआ। इससे पहले सिकंदर अपनी सभी लड़ाइयों में विजय रहा लेकिन यहां उसे सम्राट पुरु की सैना से लड़ने में परेशानी हो रही थी। यह खबर सिकंदर की पत्नी को मिली तो वे घबरा गयी तभी उन्हें ध्यान रक्षा बंधन के बारे में ध्यान आया। और उन्होंने तुरंत सम्राट पुरु के लिए राखी भिजवाई। जिसका मकसद Alexander की जान बचाना था। और सम्राट पुरु ने भी उनकी राखी की लाज रखते हुए सिकंदर (Alexander) को नहीं मारा। यह बात सन 300 BC की है इस दिन ही पहली बार रक्षा बंधन का त्योहार (राखी का त्यौहार )मनाया गया था।
  • कृष्ण और द्रौपदी => महाभारत युद्ध से पहले जब श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया था तो उनके हाथ से खून निकलने लगा था। यह देख द्रोपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्ण जी के हाथ में बांध दिया था। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को मुसीबत के समय सहायता करने का वचन दिया। इसके साथ ही जब युधिष्ठिर ने कृष्ण जी से पूछा था कि वह संसार के सारे संकटों को कैसे पार कर सकते हैं, तो कृष्ण भगवान ने उन्हें रक्षा बंधन का त्योहार बनाने की सलाह दी थी।

प्रिय पाठकों, आशा करते हैं की आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको इससे संबंधित कोई प्रश्न पूछने हों, तो आप नीचे कमेंट के माध्यम से हमे पूछ सकते हैं। धन्यवाद –

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