कांवड़ यात्रा 2023: Kawad Yatra Start & End Date

Sawan Kanwar Yatra 2023:- भगवन शिव (भोलेनाथ) के भक्त हर साल सावन के महीने में कावड़ यात्रा निकलते हैं। यात्रा में वे जल लेकर भोलेनाथ के दर्शन करने हेतु पैदल यात्रा करते हैं। मान्यता है की सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना होता है। इस साल सावन का महीना 14 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है। जोकि अगस्त 12 तक चलेगा। तो जो भी शिव भक्त कांवड़ यात्रा निकालना चाहते हैं। वे 14 जुलाई से कावड़ यात्रा शुरू कर सकते हैं।

Sawan Kanwar Yatra 2023

जैसा की हमने आपको बताया की हर साल भगवान शिव के कांवड़ यात्रा करते हैं। इस यात्रा को जल यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यात्रा के दौरान भक्त पवित्र नदियों से अपने कावड़ में जल लेकर यात्रा करते हैं। साल 2023 में कांवड़ यात्रा 14 जुलाई गुरुवार से शुरू हो रही है। जिसमे जल अभिषेकम का शुभ दिन सावन की शिवरात्रि (18 जुलाई) को है। सभी भक्तगण 19 जुलाई को दोपहर 12:41 बजे से 12:55 बजे के बीच जलाभिषेक कर सकते हैं।

Kanwar Yatra 2023 – Highlights

आर्टिकल कांवड़ यात्रा 2023
यात्रा का समय सावन के महीने में
शुरू होगी 14 जुलाई
यात्रा का समापन 12 अगस्त
यात्रा का उदेश्य भगवान शिव का आशीष व कृपा पाने हेतु
जलाभिषेक मुहर्त 19 जुलाई को दोपहर 12:41 बजे से 12:55 बजे के बीच

कांवड़ यात्रा के प्रकार

कांवड़ तीन प्रकार के होते हैं। जैसे –

  1. झूला कांवड => आज कल श्रद्धालु ज्यादातर झूला कांवड़ ले जाना पसंद करते हैं। झूला कांवड़ ले जाने में आराम दायक होती है।इस यात्रा में ‘कांवड़िया’ अपनी कावंड को आराम से टांग कर आराम कर सकते हैं। मान्यता के अनुसार कांवड़ को हटाने के बाद इसे दोबारा शुद्ध करके उठाना पड़ता है।
  2. खड़ी कांवड़ => खड़ी कांवड़ में यात्रा करना जरा मुश्किल होता है। इसमें आप कांवड़ को जमीन पर नहीं रख सकते और न ही कंही टांग सकते हो। यदि आप खड़ी कांवड़ ले जा रहें हैं और आपको आराम करना हो तो इस कांवड़ को अपने सहयोगी को देना पड़ता है।
  3. डाक कावंड => माना जाता है डाक कांवड़ सबसे मुश्किल कांवड़ यात्रा होती है। आपको बता दें एक डाक कांवड़ उठा लेने के बाद कांवड़िये को जलाभिषेक तक लगातार चलना पड़ता है। इसके अलावा यात्रा के दौरान कावड़िए को उत्सर्जन क्रियाएं (मूत्र, मल विसर्जन) तक वर्जित होती हैं।

कांवड़ यात्रा क्या है ? इसके महत्व

भगवान भोले नाथ व उनके भक्तजनो के लिए सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। हर साल इस पवित्र महीने में शिव भक्त कांवड़ यात्रा (Sawan Kanwar Yatra 2023) का आयोजन करते हैं। इस दौरान यात्री महादेव को खुश करने हेतु हरिद्वार, बाबा धाम और गंगोत्री धाम की यात्रा करते हैं। और फिर इन देव स्थानों से कावंड में गंगा जल ले कर अपनी कावंड यात्रा शुरू करते हैं। कावंड़िये अपन कंधों पर कावंड रखकर पैदल यात्रा करते हैं, और फिर गंगा जल भगवान शिवजी को चढ़ाया जाता है। इस साल यह यात्रा 14 जुलाई से शुरू होने वाली है।

Kawad Yatra 2023 start and end Date

कोविड -19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद इस साल 14 जुलाई से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा आयोजित होने वाली है। दो साल के ब्रेक के कारण इस बार कांवड़ियों की भारी आमद का अनुमान लगाया जा रहा है। कांवड़ यात्रा, जो सावन के महीने में होती है, 26 जुलाई को समाप्त होगी। कांवरिया (भगवान शिव के भक्त) यात्रा के हिस्से के रूप में अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए हरिद्वार, उत्तराखंड में गंगा नदी से पानी इकट्ठा करते हैं।

Note => यहां हमने आपको कावंड यात्रा 2023 से जुडी सभी जानकारी प्रदान की है। यदि आपको कावंड यात्रा से जुडी कोई अन्य जानकारी प्राप्त करनी हो तो आप नीचे कमेंट के माध्यम से अपने प्रश्न पूछ सकते हैं। धन्यवाद –

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