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दूध गंगा योजना को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पशुपालकों एवं दुग्ध उद्यमियों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने लिए शुरू किया गया है। योजना के माध्यम से सरकार राज्य में दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को बढ़ावा देना चाहती है। योजना की सुरुवात सन् 2010 में की गयी थी जिसे अभी तक संचालित किया जा रहा है। दूध गंगा योजना के अंतर्गत दूध उत्पादन से जुड़े नागरिक के लिए 30 लाख रुपए तक का लोन बहुत कम ब्याज दर पर उपलब्ध किया जायेगा। जिसके माध्यम से राज्य के छोटे डेयरी फार्मिंग को एक संगठित विकसित डेयरी व्यवसाय में बदला जा सके। Dhoodh Ganga Yojana 2023 उद्देश्य, लाभ एवं विशेषताएं, पात्रता, आवश्यक, दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया एवं आदि के बारे मे जानने के लिए आर्टिकल के साथ बने रहें।
Doodh Ganga Yojana 2023
हिमाचल राज्य सरकार ने राज्य के दूध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े किसानों/ पशुपालकों/दुग्ध उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 30 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करने के लिए दूध गंगा योजना को शुरू किया गया है। यह योजना भारत सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा डेयरी उद्यम पूंजी योजना के रूप में राष्ट्री कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अंतर्गत 2010 में शुरू किया गया था। इसे पहले दूध गंगा परियोजना (डेरी वेंचर कैपिटल फंड) के नाम से जाना जाता था। जिसके तहत पशुपालकों/दुग्ध उद्यमियों को ब्याज मुफ्त ऋण प्रदान किया जाता था। जिसे अब बदलकर दूध गंगा योजना (एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम) कर दिया गया है। अब इस योजना के तहत लाभार्थियों को ब्याज मुफ्त ऋण के बदले ऋण राशि पर सब्सिडी दी जाती है।
Doodh Ganga Yojana 2023 Highlights
योजना | दूध गंगा योजना |
शुरू की गई | भारत सरकार पशुपालन विभाग द्वारा |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
आरंभ हुई | 2010 |
लाभ | पशुपालन व दुग्ध उत्पादन हेतु ऋण पर सब्सिडी |
लाभार्थी | दुग्ध उत्पादन उद्योग से जुड़े लोग |
उद्देश्य | नागरिकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना |
ऋण की कुल राशि | 30 लाख रुपए तक |
अधिकारिक वेबसाइट | http://hpagrisnet.gov.in/ |
Dhoodh Ganga Yojana 2023 के अंतर्गत ऋण विवरण
दूध गंगा योजना 2023 के तहत ऋण सरकार द्वारा अलग अलग ऋण प्रदान किया जाता है, जो आपकी आवश्यकता के अनुसार प्रदान किया जाता है। पूरी जानकारी यंहा देखें।
- यदि पशुपालक किसान 2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए ऋण प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें 500000 रूपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
- और यदि कोई 5 से 20 बछड़ों को पलना चाहते हैं, तो वे 4.80 लाख रुपए तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
- और यदि पशुपालक वर्मी कंपोस्ट दुधारू गायों के इकाइयों के साथ जुड़ा हुआ होगा तो उन्हें 0.20 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
- साथ ही पशुपालकों को दूध दोहने की मशीन, मिल्कोटैस्टर, बड़े दूध कूलर इकाई के लिए (2000 लीटर तक) 18.00 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है।
- और यदि आप दूध से देसी उत्पाद बनाने की इकाइयों के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो आपको 12.00 लाख रुपए तक का लोन प्रदान किया जायेगा।
- इसके अलावा दूध उत्पादों की ढुलाई एवं कोल्ड चैन जैसी सुविधाओं के लिए 24.00 लाख रुपए तक ऋण प्रदान किया जाता है।
- दूध व दूध उत्पादों के कोल्ड स्टोरेज हेतु आप 30.00 लाख रुपए तक लोन प्राप्त कर सकते है।
- इसके अलावा कुछ निजी पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए भी ऋण की व्यवस्था रखी गयी है। जो निम्न प्रकार से है-
- मोबाइल इकाई के लिए ऋण 2.40 लाख रुपए
- स्थाई इकाई के लिए ऋण 1.80 लाख रुपए
- दूध उत्पाद बेचने के लिए बूथ निर्माण के लिए 0.56 लाख रुपए तक ऋण
दूध गंगा योजना के अंतर्गत सब्सिडी
हिमाचल प्रदेश में पशुपालकों एवं किसानों को राज्य सरकार दूध गंगा योजना 2023 के माध्यम से दूध का व्यवसाय करने वाले नागरिकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाती है। जिस पर लोन लेने पर सरकार द्वारा
लाभार्थियों को सब्सिडी है। इसमें ST/SC वर्ग के लाभार्थियों को 33%, सामान्य वर्ग के लिए 25% सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अलावा देशी गाय/भैंस खरीदने पर 20% एवं जर्सी गाय खरीदने पर 10% सब्सिडी दी जाती है। और इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह को 50% ब्याज दर में छूट प्रदान की जाती है।
हिमाचल दूध गंगा योजना के उद्देश्य
हिमाचल सरकार द्वारा योजना को शुरू करने का मुख्य उदेश्य राज्य में डेयरी फार्मिंग करने वाले छोटे उद्योगों को बदल कर बड़े डेयरी फार्मिंग बिजनेस में तब्दील करना है। इसके लिए Doodh Ganga Yojana के तहत पशुपालकों को 30 लाख तक का लोन उचित ब्याज दर पर सब्सिडी के साथ प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही राज्य के दुग्ध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े लोगों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जायेगा। और साथ योजना का उद्देश्य 10 हजार स्वयं सहायता समूह के जरिये 50 हजार ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना है।
हिमाचल प्रदेश दूध गंगा योजना 2023 – लाभ एवं विशेषताएं
- दूध गंगा योजना को डेयरी उद्यम पूंजी योजना के रूप में पशुपालन विभाग द्वारा कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के माध्यम से शुरू किया है।
- योजना के माध्यम से छोटे फार्मिंग उद्योगों को बदलकर बड़े फार्मिंग व्यवसाय बनाया जायेगा। जिससे पशुपालकों को अधिक लाभ हो।
- हिमाचल प्रदेश दूध गंगा योजना 2023 के तहत राज्य के दूध उत्पादन कार्यों में लगे नागरिकों को 30 लाख तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
- योजना के तहत उत्तम नस्ल के दूधारू पशुओं को तैयार एवं उनके संरक्षण के लिए बछड़ी पालन को प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा।
HP Doodh Ganga Yojana 2023 हेतु पात्रता मानदंड
यदि आप दूध गंगा योजना 2023 के तहत आवेदन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको निम्न पात्रता को पूरा करना होगा।
- आवेदनकर्ता हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- आवेदक दुग्ध उत्पादन से जुड़ा होना चाहिए।
- योजना के तहत लाभ व्यक्ति विशेष/स्वयं सहायता समूह/गैर सरकारी संगठन/दुग्ध संगठन/दुग्ध सहकारी सभाएं/कंपनियां आदि सभी को मिलेगा।
- और यदि किसी परिवार में एक से अधिक सदस्य अपनी अलग-अलग इकाइयां अलग-अलग जगहों पर स्थापित करते हैं, तो वह भी योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दूध गंगा योजना 2023 ऑनलाइन आवेदन करें
हिमाचल प्रदेश दूध गंगा योजना 2023 ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको निम्न चरणों का पालन करना होगा।
- इसके लिए आपको सबसे पहले हिमाचल प्रदेश की Department Of Animal Husbandry की वेबसाइट पर जाना होगा।
- इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होमपेज खुलकर आ जाएगा।
- यहां से आपको दूध गंगा योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
- इसके बाद अब आप योजना के तहत आवेदन कर लाभ उठा सकते हो।
पशुपालकों के सहायता हेतु टोल फ्री नंबर:- 1800 180 8006